
“शांति या संग्राम? शहबाज़ शरीफ का भारत को प्रस्ताव, मोदी का दो टूक जवाब”
तेहरान: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने सोमवार को भारत के साथ सभी लंबित मुद्दों पर शांति वार्ता की पेशकश की है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर, आतंकवाद, जल साझा करने और व्यापार जैसे मुद्दों को बातचीत के ज़रिये हल करना चाहता है। यह बयान ऐसे समय पर आया है जब हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा (LoC) पर गोलीबारी रोकने पर सहमति बनी है।
शरीफ इस समय चार देशों की यात्रा पर हैं और उन्होंने यह बात ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियन के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कही। उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान शांति चाहता है, लेकिन यदि भारत ने युद्ध का रास्ता चुना तो उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
“हम सभी मुद्दों का समाधान बातचीत से चाहते हैं, जिसमें कश्मीर और जल विवाद भी शामिल हैं। हम व्यापार और आतंकवाद के मुद्दे पर भी बातचीत के लिए तैयार हैं,” – शहबाज़ शरीफ, प्रधानमंत्री, पाकिस्तान
हालांकि, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ शब्दों में कहा है कि पाकिस्तान के साथ किसी भी प्रकार की बातचीत केवल आतंकवाद और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) पर ही संभव है। उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा:
“आतंक और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते। आतंक और व्यापार भी एक साथ नहीं हो सकते। खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते। अगर भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत होगी तो वह सिर्फ आतंकवाद और पीओके के मुद्दे पर होगी,” – नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री, भारत
हालिया संघर्ष की पृष्ठभूमि
7 मई को भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था। इस हमले में पाकिस्तान-आधारित आतंकियों ने 26 लोगों की जान ली थी। इसके जवाब में भारत ने पीओके और पाकिस्तान में स्थित कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।
इसके बाद पाकिस्तान की सेना ने ड्रोन और मिसाइल हमले किए, जिनका भारत ने फिर से करारा जवाब दिया। भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों पर सटीक हमले किए। लगातार बढ़ते तनाव के बीच, पाकिस्तान ने 10 मई को भारत से युद्धविराम की अपील की।
सैन्य स्तर की बातचीत से तनाव में कमी
भारत और पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों के बीच बातचीत के बाद दोनों देशों ने संघर्ष विराम पर सहमति जताई, जिससे सीमा पर शांति बहाल हो सकी है। लेकिन दोनों पक्षों के बयानों से स्पष्ट है कि शांति स्थापना की राह अभी भी आसान नहीं है।
तीसरे पक्ष की भूमिका पर भारत का रुख
भारत ने एक बार फिर दोहराया है कि भारत-पाकिस्तान के बीच कोई भी बातचीत द्विपक्षीय होगी और इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं होगी। यह बयान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश के संदर्भ में आया है।
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लेखक: नवनीत चकोर
प्रकाशित तिथि: 27 मई 2025 (भारतीय समयानुसार)