
अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट: पाकिस्तान चीन की मदद से परमाणु हथियारों का आधुनिकीकरण कर रहा, भारत को मानता है अस्तित्व के लिए खतरा
नई दिल्ली – अमेरिका की डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी (DIA) द्वारा जारी नवीनतम वर्ल्ड थ्रेट असेसमेंट रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों के जखीरे को लगातार आधुनिक बना रहा है। इस प्रक्रिया में उसे चीन से सैन्य और आर्थिक सहायता मिल रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान भारत को अब भी एक “अस्तित्वगत खतरा” मानता है और इसीलिए वह अपनी सैन्य क्षमताओं के उन्नयन पर जोर दे रहा है।
रविवार को जारी इस रिपोर्ट में बताया गया कि पाकिस्तानी सेना की प्राथमिकताएं अगले वर्ष भी सीमा पार झड़पों और परमाणु हथियारों के आधुनिकीकरण जैसे मुद्दों पर केंद्रित रहेंगी। रिपोर्ट के अनुसार, “पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों की सुरक्षा, उनके कमांड एंड कंट्रोल की संरचना को बनाए रखने और WMD (Weapons of Mass Destruction) से जुड़ी वस्तुओं की विदेशी आपूर्तिकर्ताओं और मध्यस्थों से खरीद में सक्रिय है।”
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि पाकिस्तान चीन से WMD तकनीक और सामग्रियाँ प्राप्त कर रहा है, जिनमें से कुछ का ट्रांजिट हांगकांग, सिंगापुर, तुर्की और संयुक्त अरब अमीरात के माध्यम से हो रहा है।
हालांकि पाकिस्तान और चीन के बीच सैन्य सहयोग मजबूत बना हुआ है, लेकिन रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर हो रहे आतंकी हमले दोनों देशों के बीच तनाव का कारण बनते जा रहे हैं।
भारत को लेकर क्या कहती है रिपोर्ट?
रिपोर्ट में अप्रैल के अंत में जम्मू-कश्मीर में हुए एक आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा की गई सैन्य प्रतिक्रिया का भी ज़िक्र है। भारत ने पाकिस्तान स्थित आतंकी ढांचों को निशाना बनाते हुए मिसाइल हमले किए। इसके बाद 7 से 10 मई तक दोनों देशों की सेनाओं के बीच मिसाइल, ड्रोन, और तोपखाने से तीव्र गोलीबारी हुई। रिपोर्ट के अनुसार, 10 मई तक दोनों सेनाएं पूर्ण संघर्षविराम पर सहमत हो गईं।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने के लिए द्विपक्षीय रक्षा साझेदारियों को मजबूत कर रहा है। भारत-चीन सीमा विवाद पर रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्वी लद्दाख में दो शेष तनाव बिंदुओं से सेनाएं पीछे हटाने पर सहमति बनी है, लेकिन वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) को लेकर विवाद अब भी बना हुआ है।
‘मेक इन इंडिया’ और रक्षा क्षमताओं में वृद्धि
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि भारत ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत रक्षा उद्योग में आत्मनिर्भरता की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा है। भारत ने हाल ही में अग्नि-I प्राइम मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल और अग्नि-V मिसाइल का परीक्षण किया, जिसमें MIRV (Multiple Independently Targetable Reentry Vehicles) तकनीक शामिल है। साथ ही, भारत ने अपना दूसरा परमाणु ऊर्जा चालित पनडुब्बी भी नौसेना में शामिल कर लिया है।
रिपोर्ट के अनुसार, 2025 तक भारत रूस के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी बनाए रखेगा। भले ही रूस से नई रक्षा खरीद में कमी आई है, लेकिन भारत अब भी रूसी कल-पुर्जों पर निर्भर है।
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