Sad shayari is like poetic form of words. When words fail to express your love and emotions, sad shayari gives voice to the heart in poetric form making it powerfull to share your feelings. Sad shayari conveys feelings of loneliness, sadness, pain and heartbreak.
People often share sad shayari on social media platform like facebook, instagram, whatsapp etc. When they fill lonely. It is the best way of express feeling and make relief for short time.
Not only me and you, every man in the world suffer through tough time like lost dreams, breakup, one side love etc. Sad shayari helps people by reminding them they are not alone in their struggles; many others go through the same pain.
तेरा इंतज़ार करते-करते मर जाएं हम,
कभी तू लौट आए, ये सोच कर जीते हैं हम।
दिल के टुकड़े संभालना अब मुश्किल हो गया,
हर टुकड़ा तुझे छू कर कहता है—इतना कम था क्या?
टूटे हुए अरमानों का मेला दिल में सजा है,
तेरी यादों के साये में ये दिल अब रह गया।
मोहब्बत में सब कुछ दिया—खुद को भी खो दिया,
पर अब पता चला, तूने सिर्फ दिल क्यों तोड़ा।
कितनी अजीब होती है ये मोहब्बत,
जितना चाहो, फिर भी सब कुछ अधूरा रह जाता है।
तेरी बेरुख़ी ने मुझे जिंदा रखा—
क्योंकि मरना नहीं था, जीना भी मुश्किल हो गया।
हर शाम तुझे याद करकर रोए हम—
तेरी एक मुस्कान को पाने को तरसे हम।
तू खुश रहे मुझसे दूर—
पर एक रोती जाती सी याद बनकर तो याद रखे हमें।
दिल में अब खालीपन का ये आलम है—
तेरी हर बात अधूरी, हर ख्वाब बेरंग है।
कहने को तो ज़िन्दा हैं—
पर तेरे बिना हर सांस अधूरी सी लगती है।
तेरी नज़रों में वो कशिश नहीं,
जो दिल को कभी भिगो लेता था।
इक आवाज़ थी तेरी—
जो बजती थी दिल के तारों में, अब ख़ामोश हो गई है।
तेरे जैसा कोई भी न था—
पर तेरे बाद हर कोई रंगिन-सा अधूरा नज़र आता है।
हर खुशी को खोजा, हर चेहरे में तुझे डूंडा,
पर हर बार खो गए—तेरी जो याद दिलाई।
वो लम्हा जब तूने “अलविदा” कहा—
सब कुछ जाकर खाली हो गया था।
दिल को तसल्ली दी थी—टूटने के बाद भी,
मगर आज तन्हाई ने सब शर्मसार कर दिया।
इस टूटे हुए दिल का क्या करेंगे हम,
ये तो बस तुझसे मिलने की आस में रह गया।
तेरी हर चाहत ने हमें धोखा दिया,
हमने जिस पर यकीं किया, वही बदल गया।
खो गए हम—तेरी मोहब्बत की बारिश में,
अब सूख गए—दिल के उन अज़ीब बाग़ में।
तेरा फैज़ था कुछ ऐसा—
हम बेहिसाब हुए, तू नज़रों से गायब हो गया।
हमने तन्हाई से दोस्ती कर ली,
तेरे बिना जीने की आदत सी हो गई।
जिसे अपना समझा, उसी ने बेगाना कर दिया,
हमने वक़्त दिया, उसने मज़ाक बना दिया।
वो ख्वाब जो तेरे साथ देखे थे,
अब दर्द बनकर आँखों में बस गए हैं।
हम तेरे बाद किसी को चाह न सके,
तू कुछ ऐसा दिल में उतर गया था।
तेरी तस्वीर आज भी दीवार पर है,
बस तू ही नहीं रहा मेरी तक़दीर में।
हर मुस्कान के पीछे तेरा नाम छुपा है,
तू ही था जो इस दिल को समझा था।
दिल टूटने की आवाज़ नहीं होती,
पर असर ज़िन्दगी भर रहता है।
वो रूठा भी ऐसे जैसे हक़ नहीं मेरा,
हम मनाते भी कैसे—अधिकार ही तो गया।
हमसे बिछड़ कर खुश तो बहुत होगा तू,
कभी ये सोच, हम पर क्या गुज़री होगी।
तेरी बेवफाई ने ये सिखा दिया,
प्यार में सबसे बड़ा धोखा “सच” होता है।
तेरे जाने से बस इतना हुआ,
अब ज़िन्दगी से मोहब्बत नहीं रही।
दिल की तिजोरी में बंद था तेरा प्यार,
अब वहीं जख्म बनकर रह गया।
तेरे वादों ने तोड़ दिया मुझे,
वरना हम भी कभी हँसते थे खुल के।
वो ख्वाब जो तेरे साथ सजाए थे,
अब रुलाते हैं रात-रात भर।
इंतज़ार की इन्तहा कर दी हमने,
मगर तू आया ही नहीं।
तेरा नाम लूं तो आँसू निकल आते हैं,
तेरी यादें दिल को बेबस कर जाती हैं।
कभी खुद से भी नफ़रत होने लगती है,
जब तुझे चाहने की वजह याद आती है।
वो साथ था फिर भी अधूरा था सब,
अब तो सिर्फ तन्हाई है और उसका सुकून भी नहीं।
हमने चाहा था तुझे दिल से,
तूने तो खेल समझा इसको।
तू दूर होकर भी इतना पास क्यों है,
तेरी यादें अब साँसों में बसती हैं।
अब मोहब्बत नहीं करनी किसी से,
दिल टूटने का शौक हर रोज़ नहीं होता।
कभी जो प्यार था अब बोझ लगता है,
दिल तुझसे नहीं, तेरी कमी से डरता है।
कहने को तो छोड़ दिया तुझे,
पर दिल अब भी तेरा दीवाना है।
उसकी हर बात पर हँसते थे,
अब वही बात रुला देती है।
कभी किसी को चाहना मत इतना,
कि वो तुम्हारी पहचान बन जाए।
मोहब्बत अधूरी रह जाए,
तो ज़िन्दगी पूरी वीरान हो जाती है।
तेरे बिना अब सुकून नहीं मिलता,
जैसे हर चीज़ में कमी सी है।
कभी दिल से उतर गया कोई,
तो फिर दिल ही खाली रह जाता है।
तेरे बिना हर दिन अधूरा लगता है,
जैसे ज़िन्दगी से कुछ छूट गया हो।
जो लोग दिल से जाते हैं,
वो ख्वाबों में रह जाते हैं।
तेरा नाम जुबां पर आते ही,
आँखें भीग जाती हैं।
दिल तोड़ना आसान था,
पर जोड़ने वाला कोई ना मिला।
जिसे जान से ज्यादा चाहा,
वो ही गैर बन गया।
तेरी बातें अब भी दिल में गूंजती हैं,
जैसे कोई अधूरा गीत।
अब तन्हाई से मोहब्बत हो गई है,
क्योंकि तू भी कभी अकेला छोड़ गया था।
टूटे हुए दिल की कोई मरहम नहीं होती,
बस वक़्त सहारा बनता है।
हमसे बिछड़ कर वो भी रोया होगा,
पर दिखाया नहीं किसी को।
तेरे बिना भी जी रहे हैं,
पर हर लम्हा मर रहे हैं।
तेरे जाने के बाद खालीपन ने घर कर लिया,
अब कोई अपना नहीं लगता।
एक बार फिर मोहब्बत की थी,
पर फिर से टूट गए।
जिसे अपना समझा, उसी ने पराया कर दिया,
हम तो सच्चे थे, बस वक़्त ने धोखा दे दिया।
धोखा देकर भी वो शख्स मेरा भगवान निकला,
क्योंकि उसी ने मुझे सच्चाई से मिलवाया।
तेरे झूठे वादों पे कितना यकीन किया,
दिल भी तुझ पे वार दिया और चैन भी गवां दिया।
खुशबू बनकर मेरी सांसों में बसी थी वो,
पर बेवफाई करके सड़कों की धूल बन गई।
जिसे मैंने वक़्त समझा, वो धोखा निकला,
दिल दिया था जिसे, वो खिलौना निकला।
वो हँसी-हँसी में दिल तोड़ गया,
और हमें पता भी न चला कि हम कब रो पड़े।
तूने जो भी किया, वो धोखा था या मजबूरी,
मगर एक बात बता, तेरी मुस्कान क्यों थी इतनी जरूरी?
मासूम चेहरा और झूठी बातें,
यही तो होती हैं बेवफाई की असली सौगातें।
हमने तो मोहब्बत की थी सच्चे दिल से,
वो तो बस खेलता रहा अपनी मर्ज़ी से।
दिल टूटा तो अहसास हुआ,
कि जिसपे एतबार किया, उसी ने धोखा दिया।
जिसे चाहा उसने दर्द दिया,
अब तो मोहब्बत से भी डर लगता है।
तू बेवफा निकली ये गिला नहीं,
गिला तो इस बात का है, तूने वादा क्यों किया?
वो मोहब्बत नहीं थी, धोखा था,
जो लफ्जों में प्यार और आंखों में धोखा था।
वो झूठ बोलता रहा और मैं सुनता रहा,
शायद इसी को मोहब्बत कहते हैं।
तेरे बाद अब किसी पे एतबार नहीं,
क्योंकि तूने सिखा दिया कि हर मुस्कान के पीछे चालाकी होती है।
जिसे दिल दिया, उसी ने तोड़ा,
अब खुद से नज़रें मिलाने में भी डर लगता है।
हमने जिसे जिंदगी बना लिया,
उसने हमें एक लम्हा भी न समझा।
मुझे तुझसे नहीं, अपनी मोहब्बत से नफ़रत हो गई है,
जिसने तुझ जैसा धोखेबाज़ पसंद कर लिया।
वो मुस्कुराया और मैंने समझा प्यार है,
पर पीछे से वार था, यह धोखा करार है।
दिल टूटा है, आवाज नहीं,
बस सिसकियों में बसी मेरी मोहब्बत की कहानी है।
तू साथ था मगर तेरे इरादे कुछ और थे,
इसलिए अब तेरी यादें भी धोखा लगती हैं।
वादा किया था साथ निभाने का,
और वक़्त आया तो हाथ छुड़ा गया।
जिसे चाहा उसी ने दर्द दिया,
अब तो तन्हाई भी अपना सा लगने लगी।
धोखा देकर भी वो खुद को मासूम कहता है,
काश दिल के जख्म भी नजर आते।
तेरे जाने के बाद जाना,
कि दिल कैसे टूटता है और सांसें कैसे थमती हैं।
तेरा हर वादा एक धोखा था,
अब तो तेरी हर बात से नफरत सी होती है।
जिसे हमने दुआओं में मांगा,
उसी ने बद्दुआ की तरह छोड़ दिया।
तेरे झूठ ने मुझे सच्चाई से मिला दिया,
अब खुद से भी सवाल करने लगा हूं।
जिसे अपना समझा था,
उसने पराया कर दिया — खामोशी से।
तू मुस्कराया था जिस दिन,
मेरे सारे ख्वाब उजड़ गए थे उसी दिन।
तेरे साथ बिताए लम्हों को कोसता हूं,
क्योंकि उन्हीं ने मुझे धोखा सिखाया।
कभी सोचता हूं तुझसे मिलूं,
फिर याद आता है तेरा धोखा।
झूठ बोलने की भी हद होती है,
तूने तो मोहब्बत में ही झूठ बोला।
जिस प्यार की उम्मीद थी,
उसी प्यार ने नफरत सिखाई।
दिल दिया और तूने तोड़ दिया,
अब किससे शिकायत करूं?
बेवफाई उसका हुनर था,
और मैं उसे खुदा समझ बैठा।
मुझे छोड़कर वो खुश कैसे रह सकता है?
शायद मेरा दिल सिर्फ मुझे धोखा देता है।
उसने कहा था कभी न छोड़ेंगे,
फिर एक सुबह खबर आई — उसने किसी और से शादी कर ली।
तेरा नाम अब मेरे लिए ज़हर बन गया है,
जिसे सुनते ही दर्द उभर आता है।
जिसे चाहते थे, उसी ने छला,
अब तन्हाई भी खुदा लगती है।
हर मुस्कान के पीछे तेरा चेहरा दिखता है,
और हर आंसू तेरी याद दिलाता है।
धोखा भी तुझसे खूबसूरत लगा,
कम से कम वो भी तेरे हाथों मिला।
तेरा झूठ भी सच्चा लगता था,
शायद मोहब्बत का नशा ही कुछ ऐसा था।
हमने तो तुझसे सच्चाई चाही थी,
तूने तो हमें जहर दे दिया।
कभी जो साया था मेरा,
वो अब पराया हो गया।
तेरे वादे और तेरी बातें,
अब बस धोखा लगती हैं।
जिसे अपना समझा था,
वो दूसरों के साथ हँसता मिला।
तेरे बाद जो भी आया,
उसे अपना कहने से डर लगा।
तेरे जाने के बाद सीखा,
कि खुद को कैसे संभालते हैं।
दिल को तेरी आदत हो गई थी,
धोखे की भी लत लग गई थी।
काश तुझसे दिल न लगाया होता,
कम से कम इतना न रोया होता।
दिल तुझ पे आया, ये मेरी भूल थी,
तेरे इरादों में ही कोई धूल थी।
तेरे ख्यालों में जो हमने रातें जलाईं,
आज उन्हीं रातों ने नींदें चुराई।
तुझे देख कर जो मुस्कान आई थी,
अब उसी याद में आंसू समाई थी।
तेरे प्यार का जब नकाब उतर गया,
हर रिश्ता एक अफ़सोस बनकर बिखर गया।
पलकों पे रख लिया तेरा ख्वाब समझ कर,
काश जान लेते तू था सिर्फ दिखावटी असर।
खुद को तेरे हवाले कर बैठे थे,
अब तन्हाई के लिए तरसते बैठे थे।
हर दिन तुझे ही याद करता रहा,
और खुद को ही हर रोज़ डरता रहा।
तुझसे दूर होकर भी तुझे चाहा,
पछताया बहुत — लेकिन तुझे न भुला पाया।
तेरे इश्क़ में खुद को मिटा बैठे,
अब पछताते हैं कि क्यों इतना लुटा बैठे।
वो वादा, वो कसम सब झूठ निकले,
हम तो दिल से थे, तू तो खेल निकले।
तेरे लबों की हँसी पे जान दी थी,
पर वो हँसी किसी और के नाम थी।
चाहा तुझे बेपनाह, फिर भी हार गए,
तेरे ही नाम में खुद को मार गए।
जो तेरे बिना भी जी लेते,
तो आज ये आंसू न पी लेते।
तेरे बिना जीना सिख लिया,
पर हर पल तुझे ही सोच लिया।
तेरी यादों ने चैन चुरा लिया,
पछतावे ने दिल जला लिया।
हमने तुझे चाहा बहुत शिद्दत से,
पर तू निकला धोखा सादगी में।
तेरे लिए जो आँसू बहाए,
अब उन्हीं में खुद को छुपाए।
तू बदल गया, हम संभल न पाए,
तेरी याद में हर दिन जलते जाए।
काश वक़्त से पहले तुझे समझ लेते,
तो आज यूं खुद को न थाम लेते।
तेरे बिना सब अधूरा लगता है,
पछतावे का घूंट हर पल जहर सा लगता है।
तेरे फरेब को भी सच्चा माना,
अब उसी फैसले पे पछताना जाना।
क्यों तुझ पर ऐतबार किया,
अब तो खुद से भी इनकार किया।
तू मिला था तो सब कुछ अच्छा लगा,
अब दूर है तो हर सपना सच्चा लगा।
तेरे झूठ पे जो मुस्कराए थे,
अब उन्हीं लम्हों में जलाए गए थे।
हर पल तुझको सोचते रह गए,
और अफ़सोस के आँसू पीते रह गए।
तेरी चाहत में खुद को मिटाया,
अब हर पल खुद को ही सताया।
तेरा ख्याल अब दर्द बन गया है,
तेरा नाम अब जहर बन गया है।
प्यार किया, फिर तन्हा रह गए,
तुझसे जुड़कर खुद से सह गए।
तेरा नाम अब सिर्फ आहें लाता है,
हर मुस्कान के पीछे ग़म छिपाता है।
तेरे इश्क़ में हमने खुद को भुलाया,
पर तू था जो बस हमें आज़माया।
मोहब्बत में खुद को खो बैठे,
अब पछतावे के आंसू रो बैठे।
पल पल तेरा इंतज़ार किया,
अब उसी वक़्त को धिक्कार दिया।
तेरे बिना भी जीना सीख लिया है,
पर अफ़सोस है कि देर से समझा है।
काश तुझसे नज़रे चुराई होतीं,
तो ये हालत न आई होती।
तेरा साथ पाने की ख्वाहिश थी,
अब दूर रहकर बस खामोशी ही सच्ची है।
तेरे लिए जो सबकुछ लुटा दिया,
अब पछता रहा हूं — ये क्या किया?
तुझसे मिलने की जब जब कोशिश की,
हर बार किस्मत ने रुकावट सी खींच ली।
तू चला गया, बस यादें छोड़ गया,
दिल को तन्हा और ज़ख़्मों से जोड़ गया।
तेरे जाने के बाद सन्नाटा मिला,
तेरे प्यार का ही पछतावा मिला।
दिल ने तुझको खुदा बना डाला,
अब उसी खुदा से शिकवा निकला।
तेरे लिए जो दुनिया से लड़े,
अब उन्हीं गलियों में तन्हा खड़े।
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Because every people goes through bad time so, they express their emotions through poetic words.
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No, It covers wide range of emotional pain like failure in life, loneliness etc.
Yes, it is the best medicine because it helps people feel understood and realize they are not the only one in this pain.